धारा बेचने,अपराध बेचने,दबाव बनाकर समझौते करवाने,के लिए बदनाम हो रहा महिला थाना
गलत धारा लगाकर आदिवासी गोपाल मरकाम को कटवा दी मैडम ने 18 दिन की जेल ,मामले को लेकर जल्द ही खटखटाया जा सकता है माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा
सोसल मीडिया में असंतुष्ट ,पीड़ित और जागरूक नागरिको के विचार पढे तो ये माना जा सकता है कि महिला थाने की थानेदार संदीपिका ठाकुर ने जिस दिन से महिला थाने की कमान संभाली है उस दिन से महिला थाने के कारण पुलिस को केवल बदनामी ही हाथ लगी है इसके पहले महिला थाने में इतनी लापरवाहियां देखने नहीं मिली है और ना ही असंतुष्ट निकलकर बाहर आया है परंतु जब से महिला थाना प्रभारी संदीपिका ठाकुर ने महिला थाने की कमान संभाली है तब से लगातार असंतुष्टि बढ़ती जा रही है जिसको लेकर सोशल मीडिया में भी अब तरह-तरह की बातें लिखी जाने लगी है, धाराएं बेचने से लेकर आरोपियों को संरक्षण देने में संदीपिका ठाकुर का नाम चर्चाओ में रहता है,महिला थाने की लापरवाही के कारण आए दिन कोई ना कोई ऐसी खबर पुलिस के ऊपर दाग लगाने का काम कर रही है वर्तमान में पुलिस को कटघरे में खड़ा करते हुए संदीपिका ठाकुर का कारनामा यह रहा कि उन्होंने धाराएं बेचने का काम कर दी और अब खुद ही राजीनामा कराने के लिए परेशान नजर आ रही हैं और अपने सर का दर्द कभी मुंशी तो कभी विवेचन के ऊपर डाल रही हैं, सूत्र तो बताते हैं कि अब समझौता करने के लिए दोनों पक्षों के बीच में जो रकम की मांग की जा रही है वह रकम भी संदीपिका ठाकुर देने को तैयार हैं इसी दौरान सिवनी न्यूज़ के हाथों में वह आवेदन लगा जिसमें संदीपिका ठाकुर के द्वारा एक 18 वर्षीय बच्ची को ब्लैकमेल करने वाले को संरक्षण देने की बात सामने आई है और अब मामला यहां तक पहुंच गया कि जो लड़का ब्लैकमेल कर रहा था उसी ने 18 साल की बच्ची को भगाकर ले गया है, जिस बच्ची के मां-बाप ने सगाई कर दिए थे उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा है, अगर समय रहते महिला थाने की थानेदार ठोस कार्यवाही कर लेती तो आज ना ही 18 साल की नासमझ बच्ची किसी के बहकावे में आती और ना ही एक साथ कई जिंदगियां खराब होती इतना सब होने के बाद भी उच्च अधिकारी महिला थाने के थानेदार के ऊपर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं यह समझ से परे हैं,बताया जाता है कि 18 वर्षीय आदिवासी आवेदिका ग्रामीण क्षेत्र सिवनी निवासी द्वारा लखनवाड़ा छेत्र सिवनी के 22 वर्षीय लड़के के खिलाफ महिला थाने में आवेदन देते हुए बताया कि वह जनजाति वर्ग की सदस्य है और उसकी फोटो व वीडियों को एडिट करके वायरल करते हुये अनावेदक के द्वारा ब्लेक मेल करने, जान से मारने की धमकी दी जा रही है, जबरदस्ती विवाह करने का दबाव बनाकर मजबूर किया जा रहा है, पीड़िता ने बताया कि जिससे उसकी शादी तय हुई व सगाई हुई है उसके मोबाईल में पीड़िता की फोटो पहुंचाकर बदनाम करने व सिवनी नगर के एक प्रसिद्ध मंदिर में पीड़िता, उसकी मां, मौसी, बुआ को 5 मार्च 2025 को जान से मारने की धमकी अनावेदक के द्वारा दी गई है। पुलिस के द्वारा आवेदन लेने के बाद लड़के को बुलाया गया उसका मोबाइल जप्ती बनाई गई और उसके बाद उस लड़के को छोड़ दिया गया बल्कि लड़की पर भी दबाव बनाया गया कि जहां उसकी शादी सेट हुई है उस परिवार को भी बुलाया जाएगा मान मर्यादा और जुड़ी हुई शादी को टूटने से बचाने के लिए लड़की के परिवार वालों ने पुलिस उस परिवार तक न पहुंचे इसलिए पुलिस की मांग और बात दोनों मानी और आपसी समझौते से मामले को खत्म किया गया और अब अंजाम यह हुआ कि जो लड़का ब्लैकमेल कर रहा था उसी लड़के ने 18 साल की बच्ची को बहला फुसलाकर ले गया अगर पुलिस समय रहते कार्यवाही कर लेती, अपना स्वार्थ सिद्ध करने में समय खराब नहीं करती तो शायद आज लड़की के परिवार वालों को नीचा नहीं देखना पड़ता ,एक अपराध के बाद दूसरा अपराध नही होता ,परंतु समझौता समझौता कराने में माहिर महिला थाने की थानेदार के कारण लगातार पुलिस विभाग पर दाग लग रहे हैं
आदिवासी नाबालिक बच्ची का वीडियो बनाकर किया था ब्लैकमेल,महिला पुलिस ने कराया समझौता
आवेदिका ने बताया कि वह जनजाति वर्ग की सदस्य है कक्षा बारहवी तक पढ़ी है, गांव से जब दसवी कक्षा में पढ़ती थी और नाबालिग थी उस समय मठ मंदिर स्कूल पढ़ने आती थी उसी दौरान कक्षा 10 वी में पढ़ने के समय से ही पीड़िता को अनावेदक अत्याधिक परेशान करता था और स्कूल में आते जाते समय जब पीड़िता कक्षा 10 वी में पढ़ती थी नाबालिग थी तब मोबाईल से आवेदक ने फोटो खींच लिया था, उसी फोटो को अनावेदक ने एडिट करके पीड़िता को दिखाया था और उसे वायरल करने गांव के मोबाईल नंबर पर और घर तक पहुंचा देने की बात कहकर बदनाम करने की धमकी देता था, ऐसा करते हुए अनावेदक ब्लेकमेल करने लगा था। इसी डर के कारण पीड़िता ,अनावेदक के दबाव में आ गई थी। जिसके कारण अनावेदक,पीड़िता से मोबाईल नंबर लेकर बात करने लगा और बदनाम करने की धमकी देकर दोस्ती करने के लिये दबाव बनाने लगा और ब्लेकमेल करने लगा,पीड़िता को दबाव देकर घर से बुलाकर घुमाने ले जाता था, पीड़िता उसके दबाव में आकर उसके कहने में फंसते चली गई थी। घुमाने ले जाने के दौरान अनावेदक ने पीड़िता के साथ में फोटो भी खींचा था और वीडियों भी बनाया था।
ब्लैकमेल कर शादी के लिए बनाया दबाव,ले गया कोर्ट,पीड़िता ने की शिकायत महिला पुलिस ने नही की कार्यवाही
पीड़िता ने बताया कि अनावेदक ने उन फोटो को एडिट करके पीड़िता को बदनाम करने की धमकी देकर कहने लगा कि तुम मेरे से शादी कर लो नहीं तो मैं तेरे को बदनाम कर दूंगा। इसके बाद अनावेदक वर्ष 2024 में पीड़िता को शादी करने के लिये दबाव बनाने लगा, बदनाम करने की धमकी देकर वर्ष 2024 में पीड़िता को कोर्ट से शादी करने के लिये सिवनी कोर्ट में वकील के पास लेकर गया था वहां पर विवाह करने के लिये कुछ कागजों में दस्तखत करवाया था। इसके बाद वर्ष 2024 में बरघाट तहसील व एसडीएम कार्यालय भी लेकर गया था, जहां पीड़िता को अंदर नहीं ले गया था।
आदिवासी पीड़िता बच्ची ने समाज मे शादी करने की कही बात तो बदनाम करने ,जान से मारने की दिया धमकी
पीड़िता ने बताया कि जब अनावेदक , जबदस्ती शादी करने का दबाव बनाने लगा और परेशान करने लगा था, इसके बाद पीड़िता ने उससे कही थी कि वह अपने समाज आदिवासी समाज में ही शादी करेगी, जहां उसके माता-पिता शादी करेंगे वह वहीं पर शादी करेगी , तुमसे शादी नहीं करूंगी। इसके बाद अनावेदक ,पीड़िता को बदनाम करने के साथ साथ जान से मारने की धमकी भी देने लगा था।
बच्ची की जुड़ी शादी तो फ़ोटो भेज,कॉल कर किया बदनाम
पीड़िता ने बताया कि फरवरी माह में माता पिता व परिवार वालों में मेरा विवाह तय कर दिये थे और मेरी सगाई भी 2 मार्च 2025 को हो चुकी है। इसके बाद अनावेदक ने मेरी जिससे सगाई हुई है उसके मोबाईल नंबर पर मेरी फोटो को भेजकर मुझे बदनाम कर रहा है और मेरी जिससे शादी होने वाली है उसे शादी करने के लिये मना कर रहा है।
पीड़िता के परिजनों ने मंदिर बुलाकर समझाया,समाज मे करेंगे शादी
पीड़िता ने बताई की इस पूरे मामले की जानकारी जब पीड़िता के घर वाले को लगी थी तो इसके बाद पीड़िता के घर वालों ने अनावेदक को दिनांक 5 मार्च 2025 को नगर के एक मंदिर में समझाने के लिये बुलाया था। जहां पर पीड़िता की मां , मौसी , बुआ व पीड़िता मौजूद थे। जहां पर पीड़िता की मां, मौसी, व बुआ ने अनावेदक को समझाने की बहुत कोशिश किया यह कहकर कि हमारी बेटी की शादी तय हो चुकी है और सगाई भी हो चुकी है हम हमारे आदिवासी समाज में ही विवाह करेंगे।
परिजनों को दिया धमकी करना पड़ेगा मुझसे शादी वर्ना करूँगा बदनाम और परिवार सहित पीड़िता को उतार दूंगा मौत के घाट
पीड़िता ने बताया कि मेरी मां, मौसी, बुआ ने अनावेदक से कहें कि तुमने हमारी बेटी की शादी जिससे तय हुई है उसे फोटो क्यों पहुंचाये हो और जो भी फोटो है तुम्हारे मोबाईल में उसे डिलिट कर दो और अब हमारी बेटी को परेशान मत करना और उसके होने वाले पति से भी संपर्क मत करना, जब मेरी मां, मौसी व बुआ अनावेदक से यह कह रही थी तो अनावेदक हम सबकों जान से मारने की धमकी देने लगा और कहने लगा कि तुम्हारी बेटी से मैं ही शादी करूंगा और उसको भी मुझसे शादी करना पड़ेगा नहीं तो मैं उसकी शादी किसी के साथ नहीं होने दूंगा उसकी फोटो और वीडियों वाटसप, फैसबुक में डालकर उसे बदनाम कर दूंगा उसके साथ कोई शादी नहीं करेगा। अनावेदक ने यह भी कहा कि इसके बाद भी मेरे साथ शादी करने के लिये यदि तुम लोग नही मानोगे तो मैं तुम्हारी बेटी को जान से मार डालूंगा।
महिला पुलिस लेटी संज्ञान तो नहीं होता दूसरा अपराध
पीड़िता ने अनावेदक पर कानूनी कार्यवाही करते हुये उसके मोबाईल से फोटो व वीडियों डिलीट करवाकर उस पर कानूनी कार्यवाही करने की बात आवेदन में लिखी थी यह आवेदन 6 मार्च को दिया गया था परंतु महिला थाने में सेटिंग की आदत से मजबूर थाने की प्रभारी ने पूरे मामले को पीने की कोशिश किया जबकि इस मामले में आदिवासी बच्ची की शिकायत पर अनावेदक के खिलाफ मामला पंजीबद करना चाहिए था परंतु महिला थानेदार ने अनावेदक को आवेदन देते हुए प्रार्थी को ही यह समझाया कि उसकी बदनामी हो जाएगी और ऐसे में प्रार्थी जो कि वर्तमान में 18 साल की अभी-अभी हुई है उसकी नासमझि का फायदा उठाकर अनावेदक ने उसे भगाकर ले गया है ऐसा सूत्र बताते हैं अब जिस परिवार में शादी जुड़ी थी वह परिवार और बच्ची का परिवार सामाजिक रूप से अपने आप को लज्जित महसूस कर रहा है जबकि कानून का सहारा लेने पहुंचे इस पीड़ित परिवार को अगर न्याय मिल जाता तो उन्हें लज्जित नहीं होना पड़ता महिला थाने की लापरवाही के चलते ऐसा आए दिन देखने और सुनने मिल रहा है जो कि कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हैं अब देखना यह है कि आए दिन पुलिस विभाग का नाम खराब करने वाली महिला थाना प्रभारी संदीपिका ठाकुर पर पुलिस कप्तान क्या कार्यवाही करते हैं? या इसी तरह लचर कानून व्यवस्था को लेकर सिवनी जिले की जनता विधवा अलाप करते रहेगी।